Saturday, June 13, 2009

चालू है दुनिया , भांप गई ..

कल सुने गजब की बात बनी
सुबहो तक घिस घिस रात छनी
जब कोर चंदनिया हांफ़ गई
चालू है दुनिया , भांप गई ..

सुनते हैं खूब सताया था
फ़िर भी तो नहीं मनाया था
बिन कपड़ा लत्ता कांप गई
चालू है दुनिया , भांप गई ..

होंठन से होंठन चाट गई
जोबन से हारी खाट गई
दांतों से निसानी छाप गई
चालू है दुनिया , भांप गई ..

कल कुछ भी नहीं बिचारे थे
सुनते हैं मुए उंघारे थे
है कहां कहां तिल नाप गई
चालू है दुनिया , भांप गई ...

सुनते हैं कल मजबूरी थी
जी ठंड कड़ाके पूरी थी
तंदूर बदन के ताप गई
चालू है दुनिया , भांप गई .

Monday, June 1, 2009

हमने सुना है मौला आप भगवान हैं......

नीली छतरी हैं आप , यार सरकार हैं
हमने सुना है मौला आप भगवान हैं ।
दुनिया बना के सोए , जागी दरकार है
आप चाहे जो भी करें , सब एहसान है ।
क्या फ़रक आज मर्यादा तार तार है
आपने तो छुट्टी पा ली ख़्वाजा जो महान हैं ।
चकला समाज हुआ , जंग भरमार है
पिघलें ना आप क्योंकि पाहन समान हैं ।
बस जी भरोसा उठा , ऐसे भरतार हैं
आपको दरद काहे आप हलक़ान हैं ।
पीर भी हमारी अरु चोट भी हमार हैं
आपने तो कह दिया ’बिधि का बिधान है’।
छोटे से हिआ मे रचा कपट का भार है
मोहरें सजा के चले छोड़ के मैदान हैं ।
हंस के तमासा देखें . नाहि अधिकार है
काहे रची दुनिया जी मुर्दा-ए-मसान है ।
पूरे हैं ’सैडिस्ट’ आप रूस के वो ’जार’ हैं
ज़िन्दगी दी भाड़े पे , ये मौत भी लगान है ।
नीली छतरी हैं आप , यार सरकार हैं
हमने सुना है मौला आप भगवान हैं...