कल सुने गजब की बात बनी
सुबहो तक घिस घिस रात छनी
जब कोर चंदनिया हांफ़ गई
चालू है दुनिया , भांप गई ..
सुनते हैं खूब सताया था
फ़िर भी तो नहीं मनाया था
बिन कपड़ा लत्ता कांप गई
चालू है दुनिया , भांप गई ..
होंठन से होंठन चाट गई
जोबन से हारी खाट गई
दांतों से निसानी छाप गई
चालू है दुनिया , भांप गई ..
कल कुछ भी नहीं बिचारे थे
सुनते हैं मुए उंघारे थे
है कहां कहां तिल नाप गई
चालू है दुनिया , भांप गई ...
सुनते हैं कल मजबूरी थी
जी ठंड कड़ाके पूरी थी
तंदूर बदन के ताप गई
चालू है दुनिया , भांप गई .
सुबहो तक घिस घिस रात छनी
जब कोर चंदनिया हांफ़ गई
चालू है दुनिया , भांप गई ..
सुनते हैं खूब सताया था
फ़िर भी तो नहीं मनाया था
बिन कपड़ा लत्ता कांप गई
चालू है दुनिया , भांप गई ..
होंठन से होंठन चाट गई
जोबन से हारी खाट गई
दांतों से निसानी छाप गई
चालू है दुनिया , भांप गई ..
कल कुछ भी नहीं बिचारे थे
सुनते हैं मुए उंघारे थे
है कहां कहां तिल नाप गई
चालू है दुनिया , भांप गई ...
सुनते हैं कल मजबूरी थी
जी ठंड कड़ाके पूरी थी
तंदूर बदन के ताप गई
चालू है दुनिया , भांप गई .
7 comments:
वाह! बहुत सही है... बोले तो एकदम class...
exemplary
कल सुने गजब की बात बनी
सुबहो तक घिस घिस रात छनी
जब कोर चंदनिया हांफ़ गई
चालू है दुनिया , भांप गई ..
कुछ अलग अंदाज़ है ....!!
aah...........
romantic-naughty-arousive....:P
चालू है दुनिया , भांप गई ..
samajh gaye.....:P
Tod fod kar rahe ho be. Crazy one, this! Bahut hi badhiya.....
@ ALL
behad shukria ji :)
this is awesome!!
isme jo sharaarat wala taste hai
matlab bas gazzab hai
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