Thursday, March 13, 2008

शबनम.....

शबनमी ओस की एक बूंद
महुआ की पत्ती पर
तन्वंगी और उनींदी
हौले से पकता सूरज
बादल की भट्टी पर
कच्चा चटक करौंदी
बढ़ता पकता चढ़ता सूरज
भभक भभक जलता सूरज
कतरा कतरा जलती शबनम......
सिसक सिसक मरती शबनम.....

No comments: