वही कातर निगाहें..
वही उन्मुक्त सी बाहें..
वही ताकती राहें..
वही अनसुनी आहें..
वही तुम..
वही मैं ..
वही छटपटाता सा प्यार..
पर कहने को..
एक और नया साल..
वही उन्मुक्त सी बाहें..
वही ताकती राहें..
वही अनसुनी आहें..
वही तुम..
वही मैं ..
वही छटपटाता सा प्यार..
पर कहने को..
एक और नया साल..
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