Thursday, March 13, 2008

पर कहने को..

वही कातर निगाहें..
वही उन्मुक्त सी बाहें..
वही ताकती राहें..
वही अनसुनी आहें..
वही तुम..
वही मैं ..
वही छटपटाता सा प्यार..
पर कहने को..
एक और नया साल..

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